आओ मिलकर आगे बढ़ाए राष्ट्र को भूल के हर मतभेद। आओ मिलकर आगे बढ़ाए राष्ट्र को भूल के हर मतभेद।
यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है। यह ज़िन्दगी है यारों, यहां रोज़ लगता एक मेला है।
A poem about changing the centres A poem about changing the centres
हर एक आहुति जला देती है हमारे दिल में मशाल वन्दे मातरम कहकर जब दम तोड़ जाते भारत के लाल ! हर एक आहुति जला देती है हमारे दिल में मशाल वन्दे मातरम कहकर जब दम तोड़ जाते भ...
भारतवर्ष विकसित बनें, कुछ ऐसा काज कीजिए। भारतवर्ष विकसित बनें, कुछ ऐसा काज कीजिए।
अम्मीजान रंगों में रंग होली है आई,देख तेरी फिजा ने रंगोली बनाई। अम्मीजान रंगों में रंग होली है आई,देख तेरी फिजा ने रंगोली बनाई।